किसी भी जिव - जंतु या मानव कोई वस्तु को देखने के लिए आँख का इस्तेमाल करती है | इस आर्टिकल में यह बताया गया है की आँखों की पलके क्यों झपकती है | इसके वारे में अर्थात आँख से सम्बंधित सभी जानकारी विस्तार से डिटेल्स में जानेंगे | जो इस प्रकार है |
Table Of Countent1.आँख की पलके क्यों झपकती है ? इसकी कमजोरी के लक्षण क्या है |
1.1वार - वार पलक झपकाने से क्या होता है |
1.2 मनुष्य के नेत्र एक मिनट में कितनी वार पलक झपकाते है |
1.3 पलकों को झपकना कौन सी क्रिया है |
वैज्ञानिक के नजरिये से यह कह सकते है, की आँखों के ऊपर भी Lamination होता है | जिसे कॉर्निया कहाँ जाता है | क्योंकि यह कॉर्निया आँखों के Pupel के ऊपर Lamination के तरह रहता है | इसका कोई भी भाग ब्लड से टच नहीं रहता है |
नेत्रदान के समय कॉर्निया को ही दान किया जाता है | इसलिए हम कह सकते है की आँख की सुरक्षा के लिए कॉर्निया बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है |
कॉर्निया को सुरक्षा प्रदान करने के लिए आँखों का पलके झपकना बहुत जरुरी है | क्योंकि जब आपका आँख झपकता है | तब उस समय यह वाईपर का काम करता है | जिसे आँख में जो धूल - कण कचरा पड़ जाता है, वह साफ हो सके |
आँख की पलके झपकने से कॉर्निया को सुरक्षा मिलने के लिए एक और कारन है , जो इस प्रकार है - कॉर्निया को कभी सुखना नहीं चाहिए | इसीलिए आँख की पलके एक निश्चित समय अन्तराल पर झपकते रहते है | जिसे कॉर्निया को सूखने से बचाया जा सके |
आँख की पलके जितनी बार झपकते है उतनी ही वार यह आँशु वाली ग्रंथि से पानी लेकर उस कॉर्निया को गिला करते रहते है | जिसे कॉर्निया को सूखने से बचाया जा सके और ये सिगनल जिव - जन्तु के मस्तिष्क के द्वारा संचालन होती है | और यही वजह है की जिव - जंतु के आँख की पलके एक निश्चित समय अन्तराल पर झपकते रहते है |
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