अपेंडिक्स होने के मेंन कारण है की वड़ी आंत से जुड़ा निचले भाग में 2 - 3 इंच लम्बा अपेंडिक्स होता है | जिसमे अगर खाना का कुछ भी अंश फस जाता है | तब अपेंडिक्स हो जाता है | जब व्यक्ति भोजन करते है तब उस समय खाना खाने वाले पदार्थ के साथ कुछ ऐसे पदार्थ खा लेते है जो छोटी आंत से होते हुए वडी आंत में पहुँच जाता है और वहाँ पर वह भोजन नहीं पच पाता है | तव वह उस अनपचे पदार्थ को बाहर निकालने के लिए बड़ी आंत सेक्सन Creat करके उसे ऊपर की ओर फेकता है | अर्थात उल्टी होता है | ठीक उसी बिच अनपचे पदार्थ का कुछ अंश कोलोन के निचे अपेंडिक्स रहता है , उसमे जाकर फस जाता है | तब उसे अपेंडिक्स की वीमारी हो जाता है | इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे की अपेंडिक्स कैसे होता है इसके वारे में और इस बीमारी से सम्बन्धित उन सभी सवालों पर चर्चा करेंगे जो अपेंडिक्स से रेलेटेड होती है |
मानव जाती में Appendix kaise hota hai और यह क्या है , क्यों होता है | जाने सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से |
- हर मनुष्य के शरीर में अपेंडिक्स होता है | जो आदि मानव के समय में भोजन को पचाने के लिए अपेंडिक्स का भी बहुत बड़ा योगदान होता था | क्योकि उस समय मनुष्य प्राणी के सभी लोग घास - भूषा , पशु - पक्षी पर ही निर्भर रहती थी |
- ये सभी पदार्थ वर्तमान समय में देखा जाय तो यह पदार्थ काफी कठोर पदार्थ है | जो भोजन करने पर उसे पचाने में अभी के शरीर सक्षम नहीं है | जबकि उस समय हमलोगों का शरीर वैसे पदार्थ को पचाने में सक्षम थी | इसलिए उस समय के लोगों को अपेंडिक्स की बीमारी नहीं होती थी |
- जबकि वर्तमान समय में ऐसा देखा जाता है की अपेंडिक्स की बीमारी काफी मिलती है | ऐसा होने का मेंन कारन यह यह है की अभी का खाद्य पदार्थ काफी सॉफ्ट हो गया है पहले की अपेक्षा | इसलिए हमारा शरीर में मौजूद अपेंडिक्स एगुलेशन की बजह से काम करना बंद कर दिया है |
- वैज्ञानिक नजरिये से ऐसा कहा जाता है की हमलोग करीव 2 से 4 हजार सालों से अपने खान - पान में सुधार किये है | कहने का अर्थ है की हमलोग करीव 2 से 4 हजार सालो से घास - भूषा नहीं खाया है इसकी वजह से हमारा शरीर का सभी अंग शुष्क हो गया है |
- सॉफ्ट खाना खाने से वह पदार्थ काफी जल्दी और बहुत आसानी से पच जाता है | जबकि वड़ी आंत से जुड़ा निचले हिस्से में 2 से 3 इंच लम्बा अपेंडिक्स होता है | उस अपेंडिक्स को काम करने के लिए पदार्थ का कुछ भी अंश उसे नहीं मिलता है | यह प्रकिर्या करीव लगभग 2 से 4 हजार बर्षों से चला आ रहा है | और यही बजह है की अपेंडिक्स अपना काम करना बंद कर दिया है | जिसके बजह से वह अंग अब हमारा शरीर के लिए कोई काम का नहीं है | इसलिए जब अपेंडिक्स की बीमारी होती है तब उसे डॉ ० ठीक करने के बजाय उसे ऑपरेशन करके शरीर के बाहर निकाल देते है | क्योंकि उसका अब कोई काम नहीं है |
- अब जानते है वर्त्तमान समय में मनुष्यों को अपेंडिक्स कैसे होता है इसके वारे में | जब व्यक्ति खाना खाते है , तब उस समय खाना खाने वाले पदार्थ के साथ कुछ ऐसे पदार्थ खा लिया जाता है जो वड़ी आंत में नहीं पच्चता है | और वह अनपचे पदार्थ को वड़ी आंत सेक्शन Creat करके उसे उल्टी करवा देते है | जिसे अनपचे पदार्थ बाहर निकल सके | ठीक उसी विच जो पदार्थ वड़ी आंत से बाहर नहीं निकल पाता है | और वह अपेंडिक्स में जाकर अटक जाता है , तब उस पदार्थ के कारन अपेंडिक्स में जख्म हो जाता है | जिसकी वजह से दर्द देने लगता है | जब डॉ ० से दिखाया जाता है तव डॉ ० उसे ठीक करने के वजाय उसे ऑपरेशन करके बाहर निकाल देते है | क्योंकि अब इसका कोई काम नहीं है |
Appendix किस साइड होती है |
Appendix बीमारी के लक्षण क्या है |
अगर अपेंडिक्स पेट में ही फट जाए तो क्या होगा |
अपेंडिक्स का इलाइज
- अपेंडिक्स एक ऎसी बीमारी है जिसे डॉ ० ठीक करने के वजाय उसे ऑपरेशन करके बाहर निकालना सबसे ज्यादा जरुरी समझते है | क्योंकि अपेंडिक्स ही एक ऎसी पार्ट्स है जो अभी हमारे शरीर के लिए कोई काम नहीं करता है | बल्कि अगर उसमे किसी भी प्रकार का डिस्टोरजान होगा | तब वह एक बीमारी के रूप में सामने आएगा | हमें कहने का अर्थ ये है की किसी भी कारन से अगर अपेंडिक्स पर चोट लग जाती है , या फिर किसी कारण से वह दव जाती है | तव उसमे सूजन हो जाती है जिसके कारण से वह दर्द देने लगता है | या फिर किसी कारन से हमारे द्वारा खाया गया पदार्थ अगर अपेंडिक्स में जाकर फस जाता है तो उसमे सड़ कर उसी में जम जाती है जिसकी वजह से उसमे जख्म वन जाता है | और यही कारन है की वह जख्म दर्द देने लगता है |
- जब डॉ अगर अपेंडिक्स को दवाई से ठीक करेंगे तो वह वीमारी वार - वार अपेंडिक्स बीमारी के रूप में सामने आएगा इसलिए डॉ उसे ठीक करने के वजाय उसे ऑपरेशन करके बाहर निकालना सही समझते है |
- इससे यह पता चलता है की अपेंडिक्स का इलाइज सिर्फ ऑपरेशन करके बाहर निकालना ही है | और इसका कोई दूसरा उपाय नहीं है |