Fiber kya hai ! फाइबर क्या है ? इसे भोजन में प्रतिदिन खाये |

 मानव के शरीर को ठीक ढंग से कार्य करने में फाइबर का बहुत बड़ा योगदान होता है | अब समझते है फाइबर क्या है (fiber kya hai in hindi) इसके वारे में | फाइबर को रुक्षांश (Roughage) मोटा चारा के नाम से भी जानते है | क्योंकि यह मोटा चारा के रूप में हमलोग इसे भोजन करते है जो हमारी बॉडी के लिए बहुत बड़ा कार्य करता है | क्योकि रुक्षांश हमारे द्वारा खाये गए भोजन जल्दी नहीं पच पाते है | जिसकी वजह से हमारा शरीर के आन्तरिक संरचना जैसे आहार नाल से छोटी आंत से होते हुए बड़ी आंत तक की नलिका को सफाई होती है जिसे हमारा शरीर अच्छे से वर्क कर सके | 

अधिक Fiber wala khana खाने से हमारे शरीर में हमारे द्वारा पिये जल को संग्रह करते है जिसे हमारे शरीर के अन्य भाग तक पानी आसानी से पहुँचे क्योकि हमारी Body को संतुलन बनाये रखने में पानी का बहुत बड़ा योगदान होता है क्योंकि अगर हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है तो हमारा बॉडी सही से काम नहीं करता है , तरह - तरह के परेशानी होने लगती है | जैसे - भोजन को नहीं पचना , शरीर का अधिकांश भाग गर्म महसूस होना , टेंसन होना इत्यादि | 

फाइबर युक्त भोजन करने से हमारे शरीर में पानी की मात्रा अधिक स्टोर हो जाती है जिसे हमारा शरीर की सभी Requirement आसानी से पूरा हो जाता है | जिसे हमें नींद आने की अनुभूति होने लगती है | और वह खाना खाने के कुछ समय वाद थोड़ी समय के लिए आराम करती है | अर्थात कुछ समय के लिए sleep जाते है | जब वह व्यक्ति फिर वापस कार्य पर जाती है तो वह व्यक्ति अपने कार्य को बहुत स्फूर्ति से करते है | क्योकि उस व्यक्ति के बॉडी का सभी requirement   पूरा हो चुंका होता है | वह अपने कार्य को बहुत आसानी से पूरा कर लेता है | क्योकि खास कर उसे प्रोट्रीन अधिक मात्रा में मिल जाती है जिसकी वजह से वह कोई भी कार्य आसानी से कर लेते है , क्योकि पानी से ही हमें प्रोट्रीन बनता है और पाचन क्रिया भी होती है | 

चलिए अब समझते है Jyada fiber wala khana कौन - कौन सी होती है इसके वारे में जिस प्रकार के भोजन में रसेस बनती है , अर्थात लुगदी बनती है | उस भोजन में फाइबर की मात्रा सबसे ज्यादा होती है | जैसे - सोयाबड़ी , दाल , हरी सब्जी, फल, विज राजमा , हरी मटर इत्यादि | 

अब समझते है फाइबर का कार्य  क्या होती है , इसके वारे में जो व्यक्ति फाइबर की मात्रा अपने भोजन में ज्यादे खाते है तो उनका शरीर हमेशा नॉर्मल एवं स्वास्थ्य रहते है क्योंकि उनका पाचन क्रिया काफी अच्छे से होते है | और उनको एनर्जी भी पूरी तरह से ठीक से मिलता है | 

वह व्यक्ति जो कुछ भी भोजन में खाते है उस खाना के द्वारा जो भी ऊर्जा उन्हें मिलता है | वह पूरी के पूरी तरह से उनके शरीर में लग जाते है | इस प्रकार के भोजन से उनको ज्यादातर प्रोट्रीन मिलते है , और उनका पाचन तंत्र भी ठीक रहता है | और उन्हें जो भी कोलोस्ट्रॉल मिलता है वह भी उनकी शरीर में लग जाती है | रसेस भोजन करने से उनकी शरीर की आंतरिक भाग भी सफाई हो जाती है | ये सभी Fiber का कार्य है | इस कार्य से हमारे शरीर में होने वाला फ़ायदा को हम Fiber ke fayde kya hai इसे सम्वोधन करते है | जिसे हमारा शरीर सुरक्षित रह सके | उसके वाद जानते है फाइबर के नुकशान क्या है इसके वारे में | जिस व्यक्ति को बॉडी में अगर कब्ज वन रहा है , और उसका पाचन क्रिया सही से नहीं हो रहा है | उस व्यक्ति को फाइबर की कमी है | इससे उनके शरीर को कई तरह से नुक्शान हो सकती है | जैसे - चेहरे पर दाग - धव्वा होना , चेहरे पर रौनक नहीं रहना , वजन बढ़ना , सांस फूलना , भूख कम लगना ये सभी नुकशान फाइबर की कमी के कारन होती है | 

Fiber kya hai


  फाइबर मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते है | 

1. सोल्यूवल फाइबर (Soluble fiber)

2. इन्सॉल्यूवल फाइबर (Insoluble fiber)

3. प्रिवायोटिक फाइबर (Prebiotic fiber)

Top 10 fiber foods में कौन - कौन सी खाद्य पदार्थ आते है | 

1. सोयावीन, 2. पनीर, 3. मुंग की दाल, 4. बादाम, 5. काजू, 6. सेव, ७. मटर, 8. अँकुरित अनाज, 9 मुगफली 10. चना 

Fiber kya hai (फाइबर क्या है ) सबसे ज्यादा फाइबर वाला खाना कौन सी है | 

जिस खाद्य पदार्थ में रेसे की मात्रा ज्यादा होती है उस खाद्य पदार्थ को रेसे युक्त फाइबर खाद्य पदार्थ कहा जाता है | जैसे - संतरा के जूस निकालते समय जो लुग्दी निकलती है उसे हम फाइबर कहते है | क्योकि इस प्रकार के पदार्थ को सेवन करने से जो हमारे शरीर में रेसे जाती है | वह जल्दी नहीं पच पाती है | जिसकी वजह से बॉडी में पानी का संचय होती है , और वह पानी भोजन को पचाने के कार्य करती है | और प्रोट्रीन बनता है जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होती है | इसके अलावा वह मोटे चारा (Fiber) हमारे शरीर के आंतरिक हिस्से को साफ करने का कार्य करती है जो इस प्रकार है | मान लिया की कोई व्यक्ति अपने भोजन में कुछ ऐसे पदार्थ खा लिया हो जिसमें फाइबर की मात्रा काफी अधिक है | वह पदार्थ जब शरीर के अन्दर में रहती है तो वह पानी के सम्पर्क में होने से उसकी आकर बढ़ने लगती है अर्थात वह भोजन फूलने लगती है | जिसकी वजह से आहार नाल से होते हुए छोटी आंत से बड़ी आंत तक उस भोजन के पहुंचने में जो कार्य होता है , वह उसकी वजह से आंत की सफाई हो जाती है | और गैस्ट्रिक की समस्या भी ख़त्म हो जाती है क्योकि मोटा चारा होने की वजह से फाइबर अधिक मात्रा में मिलने से उसकी पेट साफ हो जाती है और उसका लैटरिंग भी आसानी से हो जाती है | जिसे उनका शरीर एवं मन हल्का महसूस होने लगता है | 

चलिए अब समझते है किस प्रकार के भोजन में सबसे ज्यादा मात्रा में फाइबर मिलता है इसके वारे में जानेंगे वैसा खाद्य पदार्थ जो भोजन करने के वाद फूलता हो जैसे - जितने भी विज Type के खाद्य पदार्थ है | वह सब के सब फूलता है और देर से पचता है जैसे - राजमा , गेंहूँ , टमाटर के बीज , हरी सब्जी , संतरा , सेव , हरी मटर , चना , इत्यादि | किसी भी प्रकार के बीज मे फाइबर की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है | इसके अलावा , पनीर , दही , जितने भी फल एवं सब्जी है | जिसे छिलके साथ खाया जाता है | वह सब के सब फाइबर होती है | 

फाइबर युक्त भोजन जब हम खाते है , तब उस भोजन में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है | जिसकी वजह से हमारे शरीर में हमारे द्वारा खाया गया खाद्य पदार्थ की आकार बढ़ जाती है | जब वह पदार्थ का पाचन होती है | तब उस पदार्थ से सभी पानी बड़ी आंत सेक्शन Creat करके सोख लेती है और वह बच्चे हुए फाइबर को मूत्र मार्ग एवं लैटरिंग के माध्यम से उसे बहार कर देते है | 

बड़ी आंत के द्वारा सोखा हुआ जल से ही प्रोट्रीन बनता है | जिसे शरीर की सभी Requirements जो होती है वह आसानी से पूरा हो जाता है | 

Fiber ka kary kya hai ! फाइबर का कार्य क्या है | 

फाइबर का कार्य होती है बॉडी के सभी अंगो को काहोता है र्य करने के लिए जो आवश्यक तत्व होती है उसे पूरा करना होता है | जिसे हमारा शरीर संतुलन रह सके , इसीलिए हमलोग प्रत्येक दिन सुवह और शाम में भोजन करते है और पानी पीते है | जिसे हम स्वास्थ्य रह सके | उस भोजन में हमारे द्वारा खाया गया भोजन जो होती है | उसमे कुछ न कुछ फाइबर की मात्रा होती है जिसकी वजह से हमारे शरीर में पानी की संचयन होती है | क्योकि जो हम भोजन किया है वह शरीर में पानी के सम्पर्क में होने से वह पदार्थ फूल जाता है | और उसे पचने में थोड़ा समय लग जाती है | ठीक उसी विच बॉडी में जल का प्रवाह होती है | जिसे हमारा शरीर के सभी अंग तक खून और पानी आसानी से पहुँच जाती है | उसी समय के अन्तराल में हमारे शरीर में उपस्थित भोजन का अपघटन हो जाता है | हमारे शरीर के वैक्ट्रिया द्वारा जिसे हमें फाइबर का लाभ मिल जाती है | जिसे हम संतुलन रहते है fiber का यही कार्य होता है | जिसे जिव वच सके | इसीलिए हमलोग समय - समय पर फाइबर युक्त भोजन करते रहते है | 

Fiber ke faide kya hai ! फाइबर के फायदे क्या है | 

हमारे दैनिक आहार में फाइबर का होना बहुत जरुरी है क्योंकि फाइबर से ही हमारे शरीर में पानी का रूकावट होती है | क्योकि अगर फाइबर नहीं रहेगा तो हमारे द्वारा पिये गए पानी डाइरेक्ट किडनी में पहुँच जाएगी | जब ऐसा होगा तब किडनी उस पानी को तुरंत बाहर निकाल देगी जो स्वास्थ्य शरीर के लिए ठीक नहीं है | यह एक तरह से इसे फाइबर के फायदे कहेंगे | 

ठीक उसी प्रकार फाइबर के एक और फायदे है जो इस प्रकार है | शरीर की आंतरिक संरचना को सफाई करना जिस व्यक्ति का आन्तरिक संरचना आहार नाल से लेकर बड़ी आंत तक जो पाचन क्रिया के नलिकाए होती है | अगर उसे साफ करना हो तो हमें अधिक मात्रा में फाइबर लेनी की जरुरत होती है | क्योकि फाइबर बॉडी में जल्दी नहीं पचती है और वह पानी के सम्पर्क में आने से फूल जाती है | अर्थात लुगदी वन जाती है | वह लुगदी धीरे - धीरे आहार नाल से छोटी आंत से होते हुए वडी आंत तक पहुँच जाती है और वँहा बड़ी आंत उस फाइबर में भरा हुआ पानी को सोख कर उसे लैटरिंग के द्धारा वाहर निकाल देती है जिसे व्यक्ति को हल्का एवं मन फ्रेश महसूस होती है | यह क्रिया भी एक तरह से फाइबर के फायदे है | 

फाइबर कम करता है कॉलस्ट्रॉल और कैंसर को , फाइबर युक्त भोजन करने से कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है जिसे मोटा आदमी का वजन घटता है, एवं शरीर पतला होता है | इसका यह फ़ायदा यह भी है की यह कैंसर जैसे जानलेवा वीमारी से बचाता है अर्थात कैंसर होने नहीं देता है | इसके अलावा और भी कई सारे बीमारी से बचाता है ये फाइबर युक्त भोजन | जैसे - डायबिटीज जैसे बीमारी को भी कम करता है ये फाइबर 

नियमित रूप से फाइबर युक्त भोजन करने से सिर का वाल घने लम्बे एवं काले होते है | जिसे हमारी सौंदर्य बढ़ता है | 

Fiber ke nuksan ! फाइबर के नुक्शान 

यदि आप फाइबर युक्त भोजन कर रहे हो तो उसके वाद सही मात्रा में पानी नहीं पीते है तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है | वैसे तो हमने बताया है की फाइबर कब्ज को दूर करता है | लेकिन पाचन क्रिया और अवशोसन के दौरान जरुरी मात्रा में पानी न मिले तो आपको मल त्याग करते समय यानि लैटरिंग करते समय तकलीफ हो सकती है | जिसे आपको बबासीर की शिकायत भी हो सकते है | तो मित्रो आपने स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखना चाहते है तो आज से ही फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना शुरू करे | जिसे आप एक स्वास्थ्य और निरोगी जीवन व्यतीत कर सके | 

Fiber ki kami ke lakshan ! फाइबर की कमी के लक्षण 

जो व्यक्ति अपने दैनिक आहार में फाइबर की मात्रा कम खाते है तो उन्हें fiber ki kami ke lakshan दिखाई देने लगते है | जो इस प्रकार है शरीर में फाइबर की कमी होने के कारन उनका पेट हमेशा भरा - भरा सा लगता है क्योकि जब वह व्यक्ति भोजन करते है तो उसमे कम फाइबर वाला भोजन होने से उनका पेट के किडनी में जल संचय रहता है और उसे एक निश्चित समय अंतराल पर किडनी उस पानी को मूत्र मार्ग द्धारा बाहर निकालते रहते है | जिसे उनको लगता है की हमें पेशाब ज्यादा हो रही है | जो फाइबर की कमी के लक्षण है और इनका दूसरा लक्षण है पेट भरा - भरा सा लगना और भूख कम लगना इसके आलावा सिर का वाल झड़ना भी फाइबर की कमी के लक्षण है | पेट में कब्ज बनना , लैटरिंग साफ से नहीं होना ये सभी fiber ki kami ke lakshan hai ( फाइबर की कमी के लक्षण ) है | 

Top 10 fiber foods ! टॉप 10 फाइबर फूड्स 

स्वास्थ्य शरीर के लिए फाइबर बहुत ही जरुरी होता है , जो भोजन को ठीक तरह से पचाने में मदद करता है और पेट साफ रखता है | फाइबर युक्त भोजन लेने से शरीर में स्वास्थ्य सम्बन्धी कई तरह की परेशानिया नहीं होती है | इसके अलावा ये शरीर में जमा आंतरिक चर्बी और वजन को नियंत्रित रखता है | आज हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ के वारे में बताने जा रहे है जो फाइबर से भरपूर होते है | 

ओट्स 

ओट्स में वीटा ग्लूकन नाम का खास फाइबर पाया जाता है जो शरीर से कॉलस्ट्रॉल को कम कर शरीर को स्वास्थ्य बनाता है ओट्स को नास्ते में खाने से शरीर में फाइबर की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है | और साथ ही ये शरीर को दिनभर एनर्जी से भरपूर रखता है | 

सेब और नाशपाती 

सेब और नाशपाती जैसे फलो में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है | इन्हे साबुत या फिर सैलेड के रूप में और शेक बनाकर भी लिया जाता है | लेकिन जब भी आप इन्हे इस्तेमाल करे तो इसका छिलका नहीं उतारना चाहिए | क्योकि छिलके में ही फाइबर की मात्रा पायी जाती है | 

सूखे मेवे 

सूखे मेवे जैसे बादाम पिस्ता और अखरोट ना सिर्फ प्रोट्रीन से भरपूर होते है वल्कि इनमे फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है | साथ ही किशमिश एक ऐसा मेवा है जिसमे घुलनशील पदार्थ और आघुनलसिल पदार्थ दोनों प्रकार के फाइबर पाए जाते है | स्वास्थ्य बॉडी में फाइबर की पूर्ति के लिए रोजाना आहार में सूखे मेवे शामिल भोजन में करना चाहिए | 

हरी मटर 

हरी मटर फाइबर का प्रमुख्य संसाधन मन जाता है | बॉडी में फाइबर की मात्रा पूरी करने के लिए पी को भोजन पक्की हुई , सुखी या फिर ताजा हरे मटर किसी भी रूप में भोजन में शामिल किया जा सकता है | खाना में फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिए मटर को सुप , सलाद , पुलाब या अन्य चीजे में भी इसका उपयोग किया जाता है | 

विन्स में फाइबर 

विन्स एक ऐसी खाद्य पदार्थ है जिसमे केवल बीज ही बीज रहता है | वह बीज फाइबर का वेहतरीन स्रोत है इस पदार्थ से बने हुए सब्जी में विया होने के कारन इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होती है | ये हरे रंग की फलिया होती है | शरीर में फाइबर की पूर्ति के लिए इसको भोजन में ताजा या सूखा लिया जा सकता है पोषण से भरपूर बिन्स में घुनलशील फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | इसके आलावा विया वसा मुक्त होने के कारन बॉडी के लिए जरुरी आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है | 

साबुत अनाज 

सभी प्रकार के साबुत आनाजो में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | जैसे - जौ , गेहूँ ,जाइ , मक्का , बौन राइस , रागी इत्यादि में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है | साबुत आनाज को अँकुरित दलिया या आटे के रूप में आहार में शामिल कर फाइबर की प्राप्ति किया जाता है | 

रेशेदार सब्जियां 

हरी पतीदार एवं रेसेदार सब्जियां में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है | इसीलिए भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे - मूली , पतगोवि , चुकंदर , गाजर , खीरा , मेथी इत्यादि का सेवन करना चाहिए | इस तरह की सभी सब्जियां फाइबर का Best source माना जाता है | 

ब्रोकली 

ब्रोकली एक प्रकार के फाइबर से भरपूर सब्जियां है जो सेहतमंद के लिए लाभदायक होती है | इसमें बिटामिन C के आलावा कैल्शियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | इसे उबालकर या भूनकर अपने आहार में शामिल किया जा सकता है | ब्रोकली में अच्छी मात्रा में फाइबर होने के कारण ये वजन कम करने में मदद करती है | 

conclusion : निष्कर्ष

 इस ब्लॉग पोस्ट को पड़ने से यह निष्कर्ष निकलता है की हमारे शरीर को सही से संचालन करने के लिए हमारे द्वारा खाये गये दैनिक भोजन में फाइबर की मात्रा की अहम् भूमिका होती है | अब समझते है (fiber kya hota hai ) फाइबर क्या है इसके वारे में जो हमारे शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है | फाइबर को रुक्षांश (Roughage) मोटा चारा के नाम से भी जानते है | क्योकि हमलोग जो खाना खाते है उस भोजन में फाइबर की मात्रा होने से वह भोजन शरीर के अंदर पानी को स्टोर करने का कार्य करती है , और वह धीरे - धीरे पचती है | जिसे बड़ी आंत उस फाइबर युक्त पदार्थ से पानी को सोख लेती है | और वह सोखे गए पानी को शरीर के अन्य भाग को दे देता है जिसकी आवश्यकता होती है | क्योंकि पानी से ही प्रोट्रीन बनता है , और उस प्रोट्रीन से हमें ऊर्जा मिलती है | 

बड़ी आंत में बच्चे हुए पानी के अलावा अपशिष्ट पदार्थ को लैटरिंग के माध्यम से उसे बाहर निकल देते है | जो व्यक्ति जितनी मात्रा में फाइबर बाला खाना खाएंगे उसको उसी के हिसाब से ऊर्जा मिलेगी और उसी के अनुरूप उसका लैटरिंग की मात्रा भी बाहर निकलेगी | जिसे उसकी आहार नाल एवं उदरगुहा की भी सफाई होगी | 

चलिए अब समझते है Top 10 Fiber Foods कौन - कौन सी है | इसके वारे में Top 10 fiber foods के अंतरगत आने वाले खाद पदार्थ है जो इस प्रकार है , ओट्स , सेब , नाशपाती , सूखे मेवे , हरी मटर , विन्स , साबुत अनाज , रसेदार सब्जियां , ब्रोकली इत्यादि | चलिए अब ये भी जान लेते है फाइबर के नुक्शान के वारे में जो इस प्रकार है | अगर आप फाइबर युक्त भोजन कर रहे है और सही मात्रा में पानी नहीं पि रहे है तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है | क्योकि भोजन को पचाने के लिए पानी को पर्याप्त मात्रा में होना अनिवार्य है , नहीं तो कब्ज या फिर बबासीर जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है | 

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