Digital rape kya hai (यौन बलात्कार होने से कैसे बचे)

 Digital rape में internet से नहीं बल्कि physically (भौतिक) रूप से महिलाएं पीड़ित होती है। उनके गुप्तांग में finger को insert करना या femel के प्राइवेट पार्ट्स को अंगुलियों से छेड़ना, बिना सहमति के डिजिटल रेप कहलाता है।

Digital rape kya hai (यौन बलात्कार होने से कैसे बचे)

इस प्रकार के घिनौना अपराध को इंटरनेट से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसका नाम से ही यह स्पष्ट होता है कि इस प्रकार के यौन शोषण इंटरनेट के माध्यम से होता होगा। जैसे : - इस डिजिटल वर्ल्ड में डिजिटल उपकरणों की मदद से जैसे मोबाइल पर व्हाट्सएप ग्रुप या फेसबुक ग्रुप में पीड़िता महिला के मोबाइल फोन पर sexual photo या porn movi (xxx) को send करना होता होगा। 

लेकिन मित्रों ऐसी बात नहीं है क्योंकि इस प्रकार के रेप का नाम ही है डिजिटल जो एक सांख्यिकी शब्द हैं। यह शब्द English dictionary में Digital the fingure, thumb and Toe अर्थात fouram country में पैर के अंगूठे को डिजिटल नाम से जाना जाता है। इसीलिए इस प्रकार के रेप को डिजिटल रेप नाम दिया गया है क्योंकि इस बलात्कार कैटेगरी में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स को अंगुली से टच करना या उसकी योनि में फिंगर को इंसर्ट करना होता है ना की पेनिस को महिलाओं के सहमति के बिना। इस प्रकार के रेप का अंजाम पीड़िता के पारिवारिक संबंधी भाई बंधु जीजा मित्र ही ज्यादातर होते हैं। 

सरकारी आंकड़े के हिसाब से पता चलता है कि इस प्रकार के रेप को लगभग 70% आरोपी पीड़िता के रिलेशन से ही देखने को मिलता है। 

आई अब हम जानते हैं यौन बलात्कार डिजिटल रेप से कैसे बचे इसके बारे में डिजिटल रेप से हमें बचने के लिए सबसे पहले हमें अपने रिश्तेदारों से बचना होगा। जैसे : भाई - बंधु, मित्र, बहनोई, पड़ोसी इत्यादि।

अगर हमें उनकी नियत पर संदेह हो जाए तब से ही हमें सावधान रहना चाहिए। वैसे लोगों से ज्यादा लग - लगाव नहीं रखना चाहिए। उनसे सिर्फ काम से काम ही मतलब रखना चाहिए अर्थात दूरी बनाए रखना चाहिए। ऐसा करने से आपकी मान - सम्मान भी बढ़ेगा और आपका जो भी पारिवारिक कार्य होगा, वह भी आसानी से हो जाएगा। अब जानते हैं बाहरी आदमी से कैसे बचे इसके बारे में। इस प्रकार के हरकत अक्सर भीड - भाड़ जगह पर देखने को मिलता है। इसीलिए हमें भीड़ भाड़ - जगह पर ज्यादा नहीं जानी चाहिए जैसे मेला थिएटर ट्रेन इत्यादि। 

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Digital rape kya hai (डिजिटल रेप क्या है) डिजिटल बलात्कार होने की संभावना सबसे ज्यादा कहां पर होती हैं और क्यों होती हैं।

Digital rape : इस प्रकार के बलात्कार में महिला के योनि में पेनिस डालने के बजाय फिंगर का इस्तेमाल करना या महिला के प्राइवेट पार्ट्स को महिला के बिना सहमति के छेड़ -छाड़ करना digital rape कहलाता है। इस प्रकार के रेप का एक उदाहरण है जो मैं बता रहा हूं। वह उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं ।
 वर्ष 2012 दिसंबर के महीने में निर्भया बलात्कार हुआ था, जिसे दामिनी रेप केस के नाम से जाना जाता है। इस कांड में महिला के योनि में iron रॉड insert कर दिया गया था। जिसके कारण वह पीड़ित महिला मर गई थी। 
वहीं कांड को देखते हुए भारत में डिजिटल रेप का प्रचार  तीव्र गति से हुई, जिसके कारण हम लोग जागरूक हो गए की डिजिटल रेप भी होता है। 
वर्ष 2013 में इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई धारा 376 के अंतर्गत जो की बलात्कार केस से जुड़ी धारा हैं। इस केस को देखते हुए वर्ष 2013 में ही सुप्रीम कोर्ट ने इस डिजिटल रेप को IPC की धारा 376 में ही जोड़ दिया गया है। जिसके तहत अपराधी को कठोर से कठोर दंड मिल सके। 

अब जानते हैं डिजिटल रेप होने की संभाबनाए सबसे ज्यादा कहां पर होती हैं और क्यों होती हैं। 
Digital rape होने की संभाबनाए सबसे ज्यादा भीड़ - भाड़ जगह पर होती है। जैसे : मेला , थिएटर और ट्रेन में इन सभी जगह पर काफी भीड़ - भाड़ हमेशा रहता हैं। इसीलिए रेपिस्ट अक्सर वहीं पर देखने को सबसे ज्यादा मिलता है। 

क्योंकि उनका कार्य ही होता है लूट - पाट ,चोरी - चमारी, लंठबाजी और गुंडई करना । क्योंकि इस प्रकार के हरकत करने से उन्हें किसी का डर नहीं रहता है। अपने परिवार जनों से भी नहीं इसीलिए वह निर्भय होकर इस प्रकार के घिनौना अपराध को अंजाम दे पता है। इसलिए भीड़ - भाड़ जगह पर वैसे लोगों से सावधान रहने की जरूर पड़ती है। अब जानते हैं मेला, थिएटर और ट्रेन इत्यादि जैसे जगहो पर डिजिटल रेप कैसे होता है इसके बारे में। 

मेला में Digital rape कैसे हो जाता है।

मेला में अक्सर देखते होंगे कि काफी भीड़ रहता है, इसीलिए मेला में digital rape होने की संभावनाएं सबसे अधिक रहता है। क्योंकि मेला में एकत्रित हुए भीड़ में कौन आदमी कहां का है इसका कोई अता-पता नहीं चलता है। सब के सब मेले में एकत्रित होकर भीड़ बनाए राहत है और उस मेला का आनंद उठाते रहता है। 
मेला में जगह-जगह पर अश्लील चीजे भी दिखाया जाता है, तो कहीं-कहीं पर बहुत ही बढ़िया पारिवारिक चीजें। इसीलिए हर कोई आदमी का मन करता है मेला घूमने का मेला में तरह-तरह के लोग मिलते हैं देखने के लिए और उन सभी का ड्रेस पोशाक भी भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। किसी का ड्रेस ऊपर से लेकर नीचे तक ढाका होता है तो किसी का अर्धनग्न अश्लील यही वह कारण है कि मेला में बहुत सारे लोगों का मन जोशीयाया हुआ देखने को मिलता है। और उसी का परिणाम स्वरूप डिजिटल रेप किसी-किसी के साथ हो जाता है और यही वह वजह होता है कि मेले में लड़ाई - झगड़ा ज्यादा होते हैं देखने को मिलता है। 
अगर हमें मेले में डिजिटल रेप होने से बचना है तो सर्वप्रथम हमें अपनी सावधानी बरतनी होगी। सावधानी बरतते समय हमें ध्यान में यह रखना होगा की हमारी कोई पीछा तो नहीं कर रहा है। हमें अकेले में नहीं रहना है हमें अपनी परिवार जनों के साथ ही रहना चाहिए। मेले में डिजिटल रेप होने से बचने के लिए यही एकमात्र उपाय है। 
मेले में अक्सर सुनने को मिलता होगा कि किसी के ऊपर वाला प्राइवेट पार्ट्स को पकड़ लिया तो किसी के गुप्तांग में उंगली टच कर दिया तो किसी के पिछवाड़े में चूटी काट लिया है । इस प्रकार के केसेस देखने को मिलता होगा। अब जानते हैं थिएटर में डिजिटल रेप कैसे हो जाता है इसके बारे में 

थिएटर में डिजिटल रेप कैसे हो जाता है।

अगर हम थिएटर या सिनेमा देखने जाते हैं तब वहां भी हमें सावधानी बरतने की जरूरत होती हैं। क्योंकि थिएटर या सिनेमा घर में अश्लील चीजे ज्यादा दिखाई जाती हैं। जिसके कारण वहां पर बैठे सभी लोग का नियत बुरी तरह से खराब हो जाते हैं। वैसे जगह पर हमें सावधानी एवं दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है। क्योंकि कोई भी अन्य व्यक्ति हमसे छेड़ - छाड़ एवं टच ना कर सके। 
इसीलिए हमारा सुझाव है कि महिलाएं थिएटर एवं सिनेमाघर में अकेले ना जाए। अपने गार्जियन के साथ जाये। अब जानते हैं ट्रेन में डिजिटल रेप कैसे हो जाते हैं इसके बारे में। 

Train में Digital rape कैसे हो जाता है।

अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और उसे ट्रेन में काफी भीड़ - भाड़ चल रही है तब हमें सबसे पहले अपने सामान एवं स्वयं पर नजर रखना होगा। हमें अपने आस - पास बैठे उन सभी यात्रियों पर नजर रखना होगा की कौन व्यक्ति क्या कर रहे हैं और क्या करना चाह रहे हैं। 
हमें थोड़ा सा भी शक हो जाए चोरी करने की मकसद से या फिर छेड़खानी करने की मकसद से तब हमें तुरंत RPF Police को सूचित कर देना चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं। तब उन सभी गुंडे हमारी कमजोरी का फायदा उठाकर हमारे साथ गलत कार्य करने की कोशिश करने लगेगा इस क्रिया में वह हमारी प्राइवेट पार्ट्स को अपनी उंगली की मदद से छेड़ने की कोशिश करेगा। जिसके कारण हमारी डिजिटल रेप होना सुनिश्चित हो जाता है।

डिजिटल रेप में सजा कितना होता है?


Digital rape : अबमुमन ऐसा देखा जाए तो यह रेप भी सामान्य रेप के तरह ही होता है या कहे की यह रेप सामान्य रेप से भी अधिक पीड़ा, कास्ट दायक रेप होता है। क्योंकि इस डिजिटल रेप में पेनिस के अलावा फिंगर का इस्तेमाल किया जाता है, जो पेनिस से कहीं कठोर एवं हानिकारक शारीरिक पार्ट्स हैं। 
अंगुली का इस्तेमाल होने से महिला के गुप्तांग में नाखून की मदद से स्क्रैच एवं कट-कट भी सकता है। इसके अलावा और भी कई प्रकार के नुकसान हो सकता है। क्योंकि जब उसे कामवासना का जोश अधिक हो जाएगा तब वह अपनी संतुलन खो बैठेगा और वह जिस प्रकार से पेनिस से झटका दिया जाता है, ठीक उसी प्रकार वह अपनी उंगलियों से झटका देना प्रारंभ कर देगा। 
यही वह वजह है कि डिजिटल रेप से शिकार होने के बाद महिलाएं अक्सर मर जाती हैं। क्योंकि उनकी गुप्तांग से रक्तस्राव होने लगता है और वह रक्त स्राव अधिक मात्रा में जब हो जाता है। तब पीड़ित महिला मर जाती है। जैसा कि दामिनी निर्भया केस में देखने को मिला है।
इसीलिए इस केस को मध्यनजर रखते हुए IPC की धारा 376 में जोड़ा गया है। इस धारा में अपराधी को सजा कम से कम 5 साल या 10 वर्ष तक सजा हो सकती है। अगर मामला गम्भीर रहा तो अपराधी को आजीवन कारावास का भी सजा हो सकता है। 

Conclusion! निष्कर्ष 

इस ब्लॉक पोस्ट को पढ़ने से यह निष्कर्ष निकलता है कि डिजिटल रेप यह एक बहुत ही घिनौना अपराध है। इस प्रकार के बलात्कार में पीड़िता के गुप्तांग में पेनिस डालने के बजाय फिंगर (उंगलियों) का उपयोग में लाया गया है। इसीलिए पीड़ित महिला को काफी कष्ट हुआ है। 
Digital rape मे महिला के सहमति के बिना उसके प्राइवेट पार्ट्स को छूना डिजिटल रेप कहलाता है। 
इस प्रकार के Crime ज्यादातर भीड़ - भाड़ वालों जगहों पर देखने को मिलता है। जैसे : मेला, थिएटर, सिनेमा घर एवं ट्रेन पर इत्यादि।
Digital rape केस की सुनवाई धारा IPC 376 के अंतर्गत किया जाता है। 
जिसमें अपराधी को कम से कम 5 साल से लेकर 10 वर्ष तक या फिर आजीवन कारावास की सजा हो सकता है। 
इस प्रकार के अपराध का अंजाम ज्यादातर पीड़ित महिला के रिलेशनशिप से ही होते हैं। जैसे भाई - बंधु, मित्र, पड़ोसी, जीजा इत्यादि यह आंकड़ा लगभग 70% तक देखने को मिला है।


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