मित्रों किसी भी व्यक्ति से मारपीट करना एक प्रकार का दंडनीय अपराध (Crime) होता है। लेकिन बहुत सारे लोगों का एक सवाल रहता है कि अगर पुलिस से या फिर किसी (govt) सरकारी कर्मचारी से मारपीट कर लिया तो क्या होगा? आम आदमी से मारपीट करने की धाराए तो लगभग सभी लोगों को पता होता है। आज हम इस Blog Post में इसी टॉपिक पर विस्तार से चर्चा करेंगे। जिसे हमें आसानी से समझ में आ जाये की किसी भी प्रकार के सरकारी कर्मचारी या फिर कोई भी पुलिस वालों से मारपीट करने पर हमें क्या सजा (दंड) मिलेगी । और इससे कैसे बचे जिसे हमें कम से कम सजा हो सके इसके बारे में।
आम आदमी से मारपीट करने पर धाराएं 323 लगती हैं। वहीं सामान्य आदमी से गाली गलौज करने पर धाराएं 504 सामान्य रिपोर्ट के लिए। जिसमें आसानी से बेल मिल जाती हैं। लेकिन कई मित्रों का एक सवाल यह भी रहता है कि अगर पुलिस से या किसी सरकारी कर्मचारी से मारपीट कर लेते हैं तो क्या होगा। तब हमारे ऊपर कौन सा मुकदमा लिखा जाएगा, हमारे साथ क्या होगा तो दोस्तों आज के इस ब्लॉक पोस्ट में इन्हीं सभी बातों पर विस्तार से चर्चा होगी जिससे आम आदमी पुलिस से एवं सरकारी कर्मचारी से बदतमीजी एवं मारपीट करने से बच सके। क्योंकि कोई भी सरकारी कर्मचारी एवं पुलिस वाला सरकार के लिए कार्य करता है। अगर उनसे अभद्र व्यवहार करने पर सरकारी कर्मचारी एवं सरकार को जनता के प्रति असंतोष उत्पन्न होगा । जिसके कारण जनता में अराजकता की भावना उत्पन्न हो सकती है। इसीलिए जनता में फैले असंतोष को नियंत्रण करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने पड़ सकते है। जिसके कारण अपराधी को कठोर से कठोर दंड प्राप्त हो सकता है। धारा 332 के तहत
दोस्तों कोई भी सरकारी कर्मचारी जो होता है वह संघ लोक सेवक होता है और उस लोक सेवक से मारपीट करने के संबंध में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 332 के अंदर प्रावधान किया गया है।
किसी भी लोक सेवक से जो कि Government officer है । उससे अगर मारपीट करेंगे या दुर्व्यवहार करेंगे तो आपके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 332 लगाई जाएगी
अब जानते हैं उस धारा 332 में होता क्या है इसके बारे में मित्रों धारा 332 में 10 साल की सजा का प्रावधान है नॉन बेलेबल अफ्रेंट है। यानी कि अजमानतीये अपराध हैं,और उसके वाद में आपको गिरफ्तारी भी होने वाली है। क्योंकि 7 साल से अधिक की जितनी भी सजाए है । उसमें आपके गिरफ्तारी सुनिश्चित होती है, और सुप्रीम कोर्ट के आदेशा अनुसार 7 साल से कम जितने भी धाराओं की सजा है उसमें गिरफ्तारी नहीं होती है तो अगर आप किसी भी पुलिस वाले से मारपीट करेंगे तो आपके विरुद्ध धारा 332 मुकदमा IPC की धारा 332 के अंतर्गत FIR दर्ज किया जाएगा।
अब दोस्तों अगर सामान्य किसी कर्मचारी से झगड़ा हैं तब भी यही होगा धारा 332 ही लगेगा। उसमें तो ठीक हैं लेकिन अगर आपका झगड़ा किसी पुलिस वाला से हो गया तब उसमें जो होता है वह कुछ इस प्रकार होता है। पुलिस अपना बदला लेने के लिए उस अपराधी को काफी हद तक प्रताड़ित करता है।
थाना में ले जाकर उस अपराधी को खूब मारता है और उस पर कई प्रकार के मुकदमे भी दर्ज कर दिया जाता है। जिसे उसे किसी भी तरह से छुटकारा ना मिल सके, जैसे:- गांजा ,ड्रग्स, हीरोइन ,हथियार के मामले में इत्यादि।
अगर हमसे पुलिस वाल या Government officer से झगड़ा हो जाए तब हमें क्या करना चाहिए
संयोग बस हमसे अगर कभी भी कोई पुलिस वाला से झगड़ा हो जाता है तब हमें सबसे पहले अपनी गिरफ्तारी होने से बचाना है। क्योंकि अगर पुलिस हमें गिरफ्तार कर लेता है तब वह सबसे पहले हमें थाने ले जाकर हमें खूब पिटेगा क्योंकि उस पुलिस वाला को हमसे बदला लेना है। इसके अलावा वह हमारे ऊपर धारा 332 के तहत हम पर मुकदमा भी दर्ज कर लेगा, इसके साथ-साथ और भी कई प्रकार के मुकदमे दर्ज कर लेगा। जिसे हमें छुटकारा नहीं मिल पाएगी । जैसे :- ड्रग्स के मामले में, गंज, heroine एवं हथियार के मामले में और भी कई प्रकार के मुकदमे दर्ज कर लेगा। जिसे हमें जिंदगी भर जेल में ही रहना पड़ सकता है।
इसीलिए अगर हमसे कभी भी पुलिस वाला से मारपीट हो जाता है तब हमें किसी भी हाल में गिरफ्तारी होने से बचना चाहिए।
Police गिरफ्तारी से बचने के लिए हमें सबसे पहले हाई कोर्ट में जाकर अरेस्ट हिस्ट्री ले लेना है कि हमें गिरफ्तारी न करवाई जाए या आप अरेस्ट हिस्ट्री नहीं लेते हैं तो आप न्यायालय में जाकर सरेंडर कर लीजिए आपकी बेल आसानी से हो जाएगी।
पुलिस वालों या किसी भी लोक सेवक से मारपीट करने पर धारा 332 लगाई जाती हैं। धारा 332 में होता क्या है की पुलिस को भी पता होता है कि व्यक्ति हाई कोर्ट जाएगा और वहां से अरेस्ट हिस्ट्री ले आएगा। क्योंकि पुलिस से जो मारपीट किया है वह भी दमदार आदमी ही होगा क्योंकि सामान्य आदमी को पुलिस से बात करने की हिम्मत नहीं है तो पुलिस को भी यह पता होता है वह हाई कोर्ट चला जाएगा और वहां से अरेस्ट हिस्ट्री ले आएगा या न्यायालय से वेल ले लेगा या अग्रिम जमानत ले लेगा। जिसे हम पकड़ नहीं पाएंगे और मामला हल्का हो जाएगा।
इसमें होता क्या है कि जब पुलिस अपना बदला लेना चाहेगा तो आपको गिरफ्तार करेगी उसके बाद आपके ऊपर कई सारे मुकदमे ठोक देते हैं जिसके कारण काफी लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है। इसीलिए आपको सबसे पहले गिरफ्तारी होने से बचाना है। पुलिसवाला ऐसा इसलिए करते हैं पुलिस की धमाक बरकरार बना रहे हैं और आप बाहर ना निकल सके।
Policewala से मारपीट करने के बाद हमें अब क्या करना चाहिए जिसे हमारी सजा कम हो सके?
संयोग बस कभी हमसे पुलिस वाला से मारपीट हो जाता है तब हमें सबसे पहले गिरफ्तार होने से बचना है, क्योंकि आपने मारपीट तो कर ली है। लेकिन पुलिस आपको गिरफ्तार कर लिया है तब वह पुलिस वाला आपको थाना में ले जाकर वहां आपको खूब मारेगा और दुर्व्यवहार करेगा। इतना मारेगी की आपकी हड्डी-पसूली एक कर देगा। क्योंकि उसे बदला लेना है आपसे क्योंकि आपने पुलिस वालों पर हाथ उठाया है। अगला पुलिस वाला जो भी होगा वह आपको पकड़ेगा और खूब पिटाई करेगा क्योंकि आपने पुलिस वालों पर हाथ उठाया है इससे बचने के लिए आपको एक बात सबसे पहले ध्यान में रखना है कि आपको अरेस्ट नहीं होना है।
दूसरी बात यह है कि अगर आपके विरुद्ध 332 का मुकदमा लिख दिया गया है आईपीसी की धारा की तो उसके एवज में आप हाई कोर्ट में जाकर अरेस्ट हिस्ट्री भी ला सकते हैं की मेरे गिरफ्तारी ना करवाई जाए या आप अगर अरेस्ट हिस्ट्री नहीं लेते हैं तो आप न्यायालय से सरेंडर कर अपनी बेल करवा लीजिएगा, बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
दो-चार दिन या 10 दिन जेल में रहने के बाद आपकी बेल हो जाएगी। लेकिन एक चीज जो मैं बता रहा हूं बोनस प्वाइंट जो मजबूत पॉइंट है वह यह है कि आपको गिरफ्तारी अपनी नहीं देनी है अगर मारपीट आपने कर ली है तब।
किसी भी लोक सेवक से मारपीट करने का कोई जरूरत ही नहीं है आपको करना ही नहीं चाहिए बिल्कुल गलत चीज है। लेकिन अगर संयोग बस आपसे हो गया है या अपने कर लिया है तो आपको करना यह है कि आपको अपने गिरफ्तारी नहीं देनी है।
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